Saturday, May 31, 2008

उठबजा कि लगाईं एक लबादा........

इ बलगवा त एकदमे खतम हो गइल बा...अरे मेंबर लोगन कहवां सुतल बाड़जा, उठबजा कि एक एक लबदा लगाईं तोहन लोगन के....हांय, अरे महराज भोजपुरी में का-का कुल होत बा, फिलिम बनता, सीरियल बनता, गाना त का जानी केतना बन चुकल बा, आ तोहन लोग बस बलाग बनाके मार खर्र-खर्र सुतत बाड़ जा॥अरे उ मनोजवा के देखहल जा, गजबे अंकरिंग करता रोशनी चोपड़ा के साथे...अरे अपने त कुछ बोलते नइखे...खाली उहे लइकिया बोलते रहतिया...उ खाली टपर टपर तकते रह जात बा...आ अभिए काल्ह देखनी हं कि अपना बरवा गजबे उल्टा पुल्टा कइके आइल रहल ह....ससुरा भोजपुरी वालन के अब नाक कटवाइ का...अरे केहु के जान पहचान होके ओकरा से बोलजा हो..................................................

Friday, January 4, 2008

अरे भिया तनिक रूक त जा

अरे भैया काहे बरे इतना तेज़ जात हे रुकी जा तनी देर ,इतना का जल्दी बा कि भुलाई जा कि केव सड़क पार करत बा ,तोहरा गाड़ी के तेज़ी से केहू के जान जा सकेला .केहुके माँग उजड़ी त केहू क बाप चल जाई ,जिगेर के लाल जाये त करेजवा सुखा जाई अरे तोहू त केउ क हव ,माई -बाप के जियरा से पूछा कि तोहरा बाद उनकर क हाल होई .एम्मा सरम नइखे कि तनिक जवानी कण्ट्रोल मैं राखल जाओ,और तनिक दूसरो के जिन्दगी के ख्याल राखल जाऊ

Sunday, December 9, 2007

खाली ब्लाग बना देहला से थो़ड़े न कुछु होई....

हमके जनाता की दस बारह दिन त होई गइल होई इ ब्लाग बनवले। बाकिर अबे एकरा बारे में ढ़ेर अदमिन के जानकारी नइखे, एसे केहू एह पर लिखत नइखे। एगो अउरी बात इ बतावे के रहल ह की, ए ब्लाग क नाम पहिले भोजपुरियाटिक रखल गइल रहे, बाकिर कुछ अदमिन क कहला पर एकर नाम बदल के अब बाटी - चोखा कइल जात ह..। हं..एकरा बाद अब एकर नाम ना बदली, एकर गारंटी बाटे। जे केहू ए ब्लाग पर आवे ओसे हथजोरिया बा की कुछउ लिख के जाए...कहीं दूसरा जगह से त लिखे पढ़े वाला अदमी अइहं नाहीं। हमनिए के ई काम करे के पड़े। तोहन लोग देखलहीं होइब जा कि मैथली में कइगो ब्लाग चलत बा आजकल। हमनीं के आपन बोली के बचावे के बा त भोजपुरी में तनी मनी त बोले चाले के पड़ी। तबे जाके आगे ए पर कुछऊ ढंग क पढ़े के मिल पाई...।

Saturday, December 1, 2007

भंवरवा के तोहरा संग जाई....

(कहीं से त सगुन करहीं के रहल ह, औरी कुछ ना बुझात रहल ह, एसे ई गीत एहिजा डाल देनी ह। उम्मीद बा कि आगे सब केहू इ ब्लाग पर कुछ न कुछ लिखत रही...)

भंवरवा के तोहरा संग जाई,

आवे के बेरियां सभे केहू जाने,
दु्अरा पे बाजल बधाई,
जाए के बेरियां, केहू ना जाने,
हंस अकेले उड़ जाई....

भंवरवा के तोहरा संग जाई,

देहरी पकड़ के मेहरी रोए,
बांह पकड़ के भाई,
बीच अंगनवां माई रोए,
बबुआ के होखेला बिदाई,

भंवरवा के तोहरा संग जाई,

कहत कबीर सुनो भाई साधो,
सतगुरु सरन में जाई,
जो यह पढ़ के अरथ बैठइहें,
जगत पार होई जाई,

भंवरवा के तोहरा संग जाई।